रस की अनॊखीं लॆहरॆं
रस की अनॊखीं लॆहरॆं Sanaullah Dar "Meerajee" 1. मैं यह चाहती हूं कि दुनिया की आंखें मुझे देखती जायें, यूं देखती जायें यूं दॆखती जायें जैसॆ 2. कॊई पॆड़ की नर्म टहनी कॊ दॆखे 3. (लचकती हुई, नर्म टहनी कॊ...
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रस की अनॊखीं लॆहरॆं Sanaullah Dar "Meerajee" 1. मैं यह चाहती हूं कि दुनिया की आंखें मुझे देखती जायें, यूं देखती जायें यूं दॆखती जायें जैसॆ 2. कॊई पॆड़ की नर्म टहनी कॊ दॆखे 3. (लचकती हुई, नर्म टहनी कॊ...
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